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Popular Posts
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कितना तिरंगे को झुकाया जा चुका अजदी की कितनी सजा वो पा चुक ा कैसी संविधान की ये मजबूरी ह ै शोक में ति...
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“Inexpensive supervised lodging is hostel”. Hostel is a place where usually students live and which is supervised by an administration. You ...
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मन तुम्हारा हो गया तो हो गया. एक तुम थे जो सदा से अर्चना के गीत थे , एक हम थे जो सदा से धार के विपरीत थे. ग्राम्य-स्वर कैसे कठिन आ...
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कैसे भूलूं वह एक रात तन हरर्सिंगार मन-पारिजात छुअनें , सिहरन , पुलकन , कम्पन अधरो से अंतर हिला दिया तुमने जाने क्या पिला दिया...
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मैं जब भी तेज़ चलता हूँ , नज़ारे छूट जाते हैं कोई जब रूप गढ़ता हूँ , सांचे टूट जाते हैं मैं रोता हूँ तो आकर लोग कन्धा थपथपाते हैं मैं...
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मेरे जीने में मरने में तुम्हारे नाम आयेगा मैं सांसे रोक लू फिर भी यही इलज़ाम आयेगा हर एक धड़कन में तुम हो तो फिर अधिकार क्या मेरा अ...
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सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी हर विवश आँख के आँसू को यूँ ही हँस हँस...
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हर बार तुम्हारा चेहरा, हर बार तुम्हारी आँखे हम खुद में कितना उतरे , हम खुद में कितना झांके हर बार यही लगता हैं, अब कुछ भी याद नही...
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एक विधवा थी उसके दो बेटे थे , एक बेटा नीचे वाले माले पे रहता था दूसरा ऊपर वाले माले पे रहता था विधवा माँ १५ दिन एक बेटे के यहाँ खाना...
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मेरे हुजरे में नहीं और कही पर रख दो आसमां लाये हो ले आओ ज़मीन पर रख दो अब कहाँ ढूढने जाओगे हमारे कातिल आप तो क़त्ल का इलज़ाम हमीं पर रख दो ...