उजड्ड (Ujadd)
Wednesday, October 16, 2013
अन्दर का जहर
अन्दर का जहर चूम लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ लोग थे सब खुल के आ गए
और सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ
सारे खिलौने मोम के थे घुल के आ गए
-राहत इन्दोरी
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