मेरे हुजरे में नहीं और कही पर रख दो
आसमां लाये हो ले आओ ज़मीन पर रख दो
अब कहाँ ढूढने जाओगे हमारे कातिल
आप तो क़त्ल का इलज़ाम हमीं पर रख दो
उसने जिस ताख पे कुछ टूटे दिए रखे हैं
चाँद तारों को भी ले जाके वही पे रख दो
- राहत इंन्दोरी
आसमां लाये हो ले आओ ज़मीन पर रख दो
अब कहाँ ढूढने जाओगे हमारे कातिल
आप तो क़त्ल का इलज़ाम हमीं पर रख दो
उसने जिस ताख पे कुछ टूटे दिए रखे हैं
चाँद तारों को भी ले जाके वही पे रख दो
- राहत इंन्दोरी
Subhan allah
ReplyDeleteबेहतरीन!
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteSir please koi shayar kahena kya cahate hai batayi ye... paheli line maine mukammal kar li hai... please baaki line ka matalab bataye
ReplyDeleteGreat
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