Thursday, January 6, 2011
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कितना तिरंगे को झुकाया जा चुका अजदी की कितनी सजा वो पा चुक ा कैसी संविधान की ये मजबूरी ह ै शोक में ति...
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मैं जब भी तेज़ चलता हूँ , नज़ारे छूट जाते हैं कोई जब रूप गढ़ता हूँ , सांचे टूट जाते हैं मैं रोता हूँ तो आकर लोग कन्धा थपथपाते हैं मैं...
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मन तुम्हारा हो गया तो हो गया. एक तुम थे जो सदा से अर्चना के गीत थे , एक हम थे जो सदा से धार के विपरीत थे. ग्राम्य-स्वर कैसे कठिन आ...
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जब भी मुँह ढक लेता हूँ , तेरे जुल्फों के छाँव में , कितने गीत उतर आते है , मेरे मन के गाँव में ........ एक गीत पलकों पे ...
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अगर हांथो से उम्मीदों का शीशा छूट जाता हैं पल भर में ख्वाबों से भी पीछा छूट जाता हैं अगर हम लोग थोड़ी देर लड़ना भूल जाये तो पल भ...
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सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी हर विवश आँख के आँसू को यूँ ही हँस हँस...
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कुत्ते को घुमाना याद रहा और गाय की रोटी भूल गए पार्लर का रास्ता याद रहा और लम्बी चोटी भूल गए फ्रीज कूलर याद रहा और पानी का मटका भूल ...
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कैसे भूलूं वह एक रात तन हरर्सिंगार मन-पारिजात छुअनें , सिहरन , पुलकन , कम्पन अधरो से अंतर हिला दिया तुमने जाने क्या पिला दिया...
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“Inexpensive supervised lodging is hostel”. Hostel is a place where usually students live and which is supervised by an administration. You ...
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Confused ...A life khichdi Everyone is bounded by some relationship or matters, which is somehow responsible for degradation in the performa...
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