Tuesday, October 1, 2013

जाने किस तरह के सरदार आप हैं



माफ़ कीजियेगा किन्तु कहूँगा जरूर
PM
का पद यानी देश का गुरूर
क्या मिलेगा देश का गुरूर तोड़कर
सोनिया के आगे हाथ जोड़ जोड़ कर
क्यूँ पवित्र आचरण घिनौने हो गए
आप चाँद हाथों के खिलौने हो गये
जी रहे किस तरह का किरदार आप हैं
जाने किस तरह के सरदार आप हैं

रहे राष्ट्ररक्षा के संकल्पधारी  आप
मात्रभूमि मंदिर थी थे पुजारी आप
कैसी थी विवशता जो आप मौन हो गए
कभी धृतराष्ट कभी  द्रोण हो गए
द्रौपदी सी जनता का दर्द भूले आप
शायद अपने नाम का भी अर्थ भूले आप
कौरवों के रथ पर सवार आप हैं
जाने किस तरह के सरदार आप हैं

ख्वाब में मिले तो पुछा क्या है ये 2G
वो बोले जी मुझको पता नहीं है जी
इसमें मेरी कोई खता नहीं है जी
कोई मुझे कुछ समझता नहीं है जी
वैसे मुझसे ये प्रश्न है फ़िज़ूल है जी
मेरे 2G सोनिया जी और राहुल जी
फिर भी पूछते क्यूँ ये सवाल आप है
जाने किस तरह के सरदार आप हैं
 
कलमाड़ी जी की कलाबाजी देख ली
हो गयी व्यवस्था कैसी पाजी देख ली
लूटता हुआ प्रजा को राजा मिला है
कोयला का ताज तजा तजा मिला हैं
घोटाले के खेल चल रहे स्वछंद है
आप की नज़र और जुबाँन दोनों बंद है
कहीं न कहीं जिम्मेदार आप है
जाने किस तरह के सरदार आप है

पहले तो आप कुछ बोले ही नहीं
क्या क्या हुआ किन्तु होंठ खोले ही नहीं
चुप्पी तोड़ी तो बोले खूब सोंच कर
देखो पैसे उगते नहीं हैं पेड़ पर
सुन जनता के मन में प्रश्न जगे
वाड्रा के पैसे किस पेड़ पे उगे
ऐसा तो नहीं गुनेगार आप हैं
जाने किस तरह के सरदार आप है

तुम्हें गुरु ग्रंथ जी कि वाणी की कसम
पुत्र बलिदान की कहानी की कसम
पिया नहीं शत्रुओं का पानी की कसम
उधम, भगत की जवानी की कसम
सरदारी तेवर दिखाते क्यूँ नहीं
चिड़िया को बाज से लड़ते क्यूँ नहीं
भूल गए क्या वो संस्कार आप हैं
जाने किस तरह के सरदार आप हैं 

                 -आशीष अनल 

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