आओ मिल कर साथमें
आजके हालत में
लाने है नए उजाले
बेहोशी की आदत के
झूठ की इबादत के
आँखों से हटाओ जाले
अब जागो तो सब जागो,
अम्बर तक यही राग गूंजेगा
हाँ अब मेरी बारी हैं ,
मेरी जिम्मेदारी हैं,
आँखें गाड़े सच के साथ हूँ खड़ा
मिटने की तयारी है,अब तो लम्बी पारी है
सर पे जोश अब होश का चढ़ा
अब बदले तो युग बदले
अम्बर तक यही राग गूंजेगा
आम आदमी का यही आवाज़ हैं
देश को बदलना अभी और आज है
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