वोट मांगते कर रहे गली गली में शोर
लेकिन हल्ला हो गया सार नेता चोर
चोर चोर मौसेरे भाई
बलाई बिल कर खायी
किये कितने घोटाले
बहर चिकने चौटाले
सर पर चढ़ कर बोलती है ये सत्ता की भंग
दिल्ली के दरबार में खूब मचे खुद हुडदंग
कहीं ये चप्पल मरे
किसी के कपडे फाडे
सदन में धक्कम धक्का
चढ़ गयियो हाय मुनक्का
आजादी के नाम पर पाने कोढ़ में खाज
गोर तो जाते रहे कालों का है राज
राज अन्धो का भैया
सबसे ऊँचा हैं रुपैया
-अजात शत्रु
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