Thursday, October 17, 2013

किसी सफ़र में

किस सफ़र पर मुझे वो छोड़ गया
कब्र आई है घर नहीं आया
वो जो कहता था जान दे दूंगा
जान दे दी मगर नहीं आया

खुश्क आँखों में झांक कर मेरी 
उसने पूंछा,और कैसे हो
दर्द इतना ज़लील होके गिरा
मेरे कंधे पे सर नहीं आया
            -कुमार विश्वास 

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