किस सफ़र पर मुझे वो छोड़
गया
कब्र आई है घर नहीं आया
वो जो कहता था जान दे
दूंगा
जान दे दी मगर नहीं आया
खुश्क आँखों में झांक कर
मेरी
उसने पूंछा,और कैसे हो
दर्द इतना ज़लील होके गिरा
मेरे कंधे पे सर नहीं आया
-कुमार विश्वास
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