उजड्ड (Ujadd)
Wednesday, October 16, 2013
अन्दर का जहर
अन्दर का जहर चूम लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ लोग थे सब खुल के आ गए
और सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ
सारे खिलौने मोम के थे घुल के आ गए
-राहत इन्दोरी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
share
Popular Posts
tirangaa तिरंगा - आशीष अनल
कितना तिरंगे को झुकाया जा चुका अजदी की कितनी सजा वो पा चुक ा कैसी संविधान की ये मजबूरी ह ै शोक में ति...
मन तुम्हारा हो गया
मन तुम्हारा हो गया तो हो गया. एक तुम थे जो सदा से अर्चना के गीत थे , एक हम थे जो सदा से धार के विपरीत थे. ग्राम्य-स्वर कैसे कठिन आ...
कुमार विश्वास - ३
मैं जब भी तेज़ चलता हूँ , नज़ारे छूट जाते हैं कोई जब रूप गढ़ता हूँ , सांचे टूट जाते हैं मैं रोता हूँ तो आकर लोग कन्धा थपथपाते हैं मैं...
मेरे मन के गाँव में...
जब भी मुँह ढक लेता हूँ , तेरे जुल्फों के छाँव में , कितने गीत उतर आते है , मेरे मन के गाँव में ........ एक गीत पलकों पे ...
Hostel Life : A Report
“Inexpensive supervised lodging is hostel”. Hostel is a place where usually students live and which is supervised by an administration. You ...
याद रहा और भूल गए
कुत्ते को घुमाना याद रहा और गाय की रोटी भूल गए पार्लर का रास्ता याद रहा और लम्बी चोटी भूल गए फ्रीज कूलर याद रहा और पानी का मटका भूल ...
मै कवि हूँ जब तक पीडा है
सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी हर विवश आँख के आँसू को यूँ ही हँस हँस...
तुमने जाने क्या पिला दिया
कैसे भूलूं वह एक रात तन हरर्सिंगार मन-पारिजात छुअनें , सिहरन , पुलकन , कम्पन अधरो से अंतर हिला दिया तुमने जाने क्या पिला दिया...
Exercise
Kaa haal hai babua . . . ham keh rahe hain ki "loooking towards sky is good......" 'specially in night what a beautiful sight ...
Think
Confused ...A life khichdi Everyone is bounded by some relationship or matters, which is somehow responsible for degradation in the performa...
Blogroll
No comments:
Post a Comment