Thursday, September 26, 2013

कुमार विश्वास - ३


मैं जब भी तेज़ चलता हूँ, नज़ारे छूट जाते हैं
कोई जब रूप गढ़ता हूँ ,सांचे टूट जाते हैं
मैं रोता हूँ तो आकर लोग कन्धा थपथपाते हैं
मैं हँसता हूँ तो मुझसे लोग अक्सर रूठ जाते हैं

स्वयं से दूर हो तुम भी , स्वयं से दूर हैं हम भी
बहुत मशहूर  हो तुम भी ,बहुत मशहूर हैं हम भी
बड़े मगरूर हो तुम भी ,बड़े मगरूर हैं हम भी
अतः मजबूर हो तुम भी ,अतः मजबूर हो तुम भी

मैं उसका हूँ वो इस एहसास से इनकार करता हैं
भरी महफ़िल मे भी  रुस्वा, मुझे हर बार करता हैं
याकि है सारी दुनिया को खफा है हमसे वो लेकिन
मुझे मालूम हैं फिर भी मुझी से प्यार करता हैं

सब फैसले होते नहीं सिक्के उचल के
ये दिल का मामला हैं  ज़रा देख भाल के
मोबाइलों के दौर के आशिक को क्या पता 
रखते थे ख़त में कलेजा निकाल के

ये दिल बर्बाद करके इस में क्यूँ आबाद रहते हो
कोई कल कह रहा था तुम अलाहाबाद रहते हो
ये कैसी शोहरते मुझको अता कर दी मेरे मौला
मैं सब कुछ भूल जाता हूँ मगर तुम याद रहते हो

बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेड़े सह नहीं पाया
हवाओं के इशारों पर मगर मैं बह नहीं पाया
अधूरा अनसुना ही रह गया , यूँ प्यार का किस्सा
कभी तुम सुन नहीं पाई ,कभी मैं कह नहीं पाया

कुमार विश्वास - २


मेरे जीने में मरने में तुम्हारे नाम आयेगा
मैं सांसे रोक लू फिर भी यही इलज़ाम आयेगा
हर एक धड़कन में तुम हो तो फिर अधिकार क्या मेरा
अगर राधा पुकारेगी तो फिर घनश्याम आयेगा

बदलने को इन आंखों के मंज़र कम नहीं बदले
तुम्हारी याद के मौसम हमरे गम नही बदले
तुम अगले जन्म में हमसे मिलोगी , तब ये जानोगी
जमाने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले

मोहब्बत एक एहसासों की पावन शी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवाना हैं
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आसूं हैं
जो तू समझे तो मोती हैं जो न समझे तो पानी हैं

गिरेबा चाक करना क्या, सीना और मुश्किल हैं
हर इक पल मुशकुराकर, अश्क पीना और मुश्किल है
किसी की बेवफाई ने हमें इतना सिखाया हैं
किसी के इश्क में मरने से पीना और मुश्किल है

पनाहों में जो आया हो तो उस पर अधिकार क्या मेरा
जो दिल हार हो उस पे फिर अधिकार क्या मेरा
मोहब्बत का मज़ा तो डूबने की कसमकस में हैं
जो हो मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे हर किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा

कुमार विश्वास - १


समंदर पीर का अन्दर है ,मगर रो नहीं सकता
ये आंसू प्यार का मोती है , इनको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को दुल्हन बना लेना मगर सुन  ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो तेरा हो नहीं सकता

इस उड़ान पर अब शर्मिंदा ,मैं भी हूँ और तू भी है
आसमान से गिरा परिंदा मैं भी हूँ और तू भी है
दुनिया कुछ भी अर्ध लगाये हम दोनों को मालूम हैं
छूट गयी जीने मरने की सारी कसमें
अपने अपने हाल में जिन्दा ,मैं भी हूँ और तू भी है

जो धरती से अम्बर जोड़े उसका नाम जवानी हैं
जो शीशे से से पत्थर तोड़े उसका नाम जवानी है
कतरा कतरा सागर तक जाती हैं हर उम्र मगर
बहता दरिया वापस मोड उसका नाम जवानी हैं

मेरे होठों पे आंसू हैं मेरी आँखों में सबनम है
ये दौलत हैं शौहरत कुछ जख्मों का मलहम है
अजब सी कसमकस हैं रोज जीने रोज मरने में
मुकम्मल जिन्दगी तो हैं मगर पूरी से कुछ कम है

मेरे जीने में मरने में तुम्हारे नाम आयेगा
मैं सांसे रोक लू फिर भी यही इलज़ाम आयेगा
हर एक धड़कन में तुम हो तो फिर अधिकार क्या मेरा
अगर राधा पुकारेगी तो फिर घनश्याम आयेगा

बदलने को इन आंखों के मंज़र कम नहीं बदले
तुम्हारी याद के मौसम हमरे गम नही बदले
तुम अगले जन्म में हमसे मिलोगी , तब ये जानोगी
जमाने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले

Saturday, April 16, 2011

Smile :)

A smile costs nothing, but gives much.

It enriches those who receive, without making poorer those who give.

It takes a moment, but the memory of it sometimes lasts forever.

None is so rich or mighty that he can get along without it, and none is so poor, but that he can be made rich by it.

A smile creates happiness in the home, fosters good will in business, and is the countersign of friendship.

It brings rest to the weary, cheer to the discouraged, sunshine to the sad, and it is nature’s best antidote for trouble.

Yet it cannot be bought, begged, borrowed, or stolen, for it is something that is of no value to anyone, until it is given away.

Some people are too tired to give you a smile;

Give them one of yours, as none needs a smile so much as he who has no more to give.

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