Saturday, September 28, 2013

मैं तो झोंका हूँ


मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा
जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा
ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा

कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा

कोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाब
मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊँगा

शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गये
सब यह रह जायेंगी मैं साथ क्या ले जाऊँगा
                  
                                                       -कुमार विश्वास 
 


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